Pratapgarh

An unofficial website of district Pratapgarh, UP, India

surendra kumar shukla bhramar5's blog

दर्द देख जब रो मै पड़ता

---------------------------------

बूढ़े जर्जर नतमस्तक हो  

हमका बनाऊ की बिगाडू मोरी माई

 तुहिन कहू बड़े भाग से पाये 

आज सूरज बड़ी देर कुछ आंक निकला

 आज सूरज बड़ी देर कुछ आंक निकला

दुःख ही दुःख का कारण है

 दुःख ही दुःख का कारण है
दिल पर एक बोझ है
मन मष्तिष्क पर छाया कोहराम है
आँखों में धुंध है
पाँवो की बेड़ियाँ हैं
हाथों में हथकड़ी है
धीमा जहर है
विषधर एक -ज्वाला है !!
राख है – कहीं कब्रिस्तान है
तो कहीं चिता में जलती
जलाती- जिंदगियों को
काली सी छाया है !!
फिर भी दुनिया में
दुःख के पीछे भागे
न जाने क्यों ये
जग बौराया है !!

ममता की तू मूरति माता

 हे अनाथ की नाथ -प्राण हे  

भाग्य विधाता -जग कल्याणी  

राम की प्यारी- धरती अपनी ना जाने क्यों अभिशप्तित है

माया मेरी -ईहा  -

मानवता को हे मानव तू अमृत पिला जिलाए -Bhramar ka dard aur darpan

आज प्रभा 

Syndicate content