मेरे प्यारे छोटे नन्हे मुन्ने दोस्तों आज बाल दिवस के मौके पर अपने दोस्त बाल “भ्रमर” की ढेर सारी शुभ कामनाएं ग्रहण कीजिये …………
आइये एक सुन्दर विश्व का निर्माण करें जो की बिना आप के सहयोग के तो हो ही नहीं सकता आज मै पास होता तो आप के कान में ढेर सारा मन्त्र देता -जादू दिखाता -कबूतर बना देता ..फूल खिला देता … कुछ हंसाता गुदगुदाता और आप से हाथ उठवाकर ये संकल्प करवाता की हम अपने देश , संस्कृति , ईमानदारी, अहिंसा से कोई समझौता नहीं करेंगे अपने माँ पिता गुरु को हमेशा सम्मान देंगे उन्हें हर सुख सुविधा देंगे भरपूर प्यार देंगे जितना दुलार उन्होंने किया है जितना त्याग उन्होंने हमें इतना बड़ा करने में किया है वो कोई त्याग कोई भी नहीं कर सकता और आजीवन हमे उनके नन्हे मुन्ने पप्पू बने रहना होगा जब चाहें वे हमें डांट दें प्यार दें मार दें दुलार दें उनको हर हक़ देना होगा जो भी अच्छा होगा उसे ग्रहण करना होगा बुराईयों से हमेशा दूर बहुत दूर रहना होगा तब हमारा ये उज्जवल भविष्य बनेगा बड़ी मेहनत करनी हैं कर्म ही पूजा है इससे हम अपना भाग्य भी अपने हक़ में कर लेते हैं हमारे हाथ की रेखाएं बदल जाती हैं हमें सुअवसर मिलता रहता है और हम कभी कभी इस जग में अपना नाम कमा सकते हैं आओ हम बच्चे किसी से भी भेद भाव न करें सब एक दुसरे की सहायता करें विशेषकर जिसके पास कुछ कमी हो उसकी सहायता का हर हमेशा मन बनाये रखें …जब आप ऐसा करोगे दुसरे की सहायता प्रभु आप की सहायता और वो जिसकी सहायता आप ने की दोनों खड़े रहेंगे आप की सहायता को ….
बोलो जय जय शिव शंकर हर हर भोले ….आओ भोले सा हम कोमल और कठोर दोनों बन जाएँ त्याग करें लेकिन दानवों को कभी बर्दाश्त नहीं करें …..आओ हम इनसे बहुत कुछ सीखें …
आज मिठाई भी नहीं खिलाना क्योंकि विश्व मधुमेह दिवस है …५०.८ मिलिओन लोग इस मधुमेह से ग्रसित हैं …४० से ५९ साल में आप लोग भी तो आते होंगे न ! बच के रहना रे बाबा ..मेहनत करिए ..मेथी भिगा के खाइए.. जामुन और कैथ खट्टा फल मिले तो खाइए ..करेला खाइए ….समय से पूर्व की वीमारी और जल्दी …..से बच के सब रहिये …….
आओ बचपन – अब खो जाएँ
माँ के आंचल में छुप जाएँ
हंस दें और उसे हंसाएं
उसकी आँखों में देख देख के
प्यार के सागर खो जाएँ
हंस बने हम मोती चुग लें
सूरज बन रौशनी लुटाएं
लोरी चंदा गुडिया गुड्डा
रेल बस अड्डा
मेला ठेला भीड़ झमेला
ओझा मंदिर और चिकित्सक
कितना माँ को हम दौडाए
याद किये उस पर लुट जाएँ
बारिश में थोडा भीगे हम
कागज़ किस्ती चलो चलायें
छुपा छिपी थोड़ी शैतानी
माँ बाबा को खूब चिढायें
सब को भाई गले मिलाकर
बच्चे के गुण सब सिखलाएँ
नही कोई हो वैरी अपना
ना इर्ष्या हो ना हो झूठ
देश की खातिर अपना जीवन
अपना प्यारा हर एक पल हो
बने सदा हम वीर सपूत.
शिव से आओ “सीख” सभी लें
भागीरथ ने जिसे उतारा
नहीं सम्हाल सका जग सारा
जटा में उलझी गंगा धारा
शिव का कृत्य बड़ा ही न्यारा
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दो नैना हैं भोले -भाले
करुणामय हैं शिव मतवाले
दे जाते हैं भक्त जो मांगे
जान भी अपनी दांव लगाते
तीजा नैन प्रलय का द्योतक
“पापी” का कर देता अंत
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पिए हलाहल जग की खातिर
कंठ हुआ है नीला
दमन किये हैं अहम गर्व को
कहता “बाघम्बर” है पीला
अमृत पी पी सब जब बिसरे
:”नीलकंठ” संग अब भी नीला
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सोना चांदी गहने मोती
“त्याग” सभी शिव देते
जोगी जंगल मंगल हिम में
“तप” करते ही दिखते
राख भभूत भूत साँपों से
अद्भुत इनका प्यार
शिव की लीला शिव ही जानें
क्या जाने संसार
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शिव से आओ “सीख” सभी लें
सीखें करना त्याग
दुःख दारिद्र्य सभी तब भागे
जग का हो कल्याण
जहां प्रेम बरसे हो अमृत
पावन संगम गंगा धारा
पापी को तो ये त्रिशूल है
है त्रिनेत्र -भूतों साँपों का
बड़ा भयावह मन में डेरा
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मेरे “ब्लॉग बाल झरोखा सत्यम की दुनिया” से लिया गया …
शुक्ल भ्रमर ५
१४ .११.२०११ याच पी
६.३६-७.०० पूर्वाह्न
बच्चे मन के सच्चे हैं फूलों जैसे अच्छे हैं मेरी मम्मा कहती हैं तुझसे जितने बच्चे हैं सब अम्मा के प्यारे हैं –
- surendra kumar shukla bhramar5's blog
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Kya kavita hai
.धन्यवाद आप के स्नेह के लिए
प्रिय पाठक आप ने सराहा ....धन्यवाद आप के स्नेह के लिए ..अपना समर्थन या सुझाव कृपया स्पष्ट लिखा करें भ्रमर ५