ख्वाबो में तुम बसने लगे हो
Submitted by shukla1986 on Sat, 03/09/2013 - 01:26
दिल में चाहत बनकर धड़कने लगे हो ,,
कैसा है अहसास ये दूर होने पर पास लगने लगे हो ,,
नाम ओठो पर आने लगा है पर दिल है जो कुछ छुपने लगा है ,
काले बालो की छाया से धका हुआ तेरा चेहरा
अब अक्सर मुझे तड़पने आने लगा है ,,
शर्म से भरी तेरी आँखे इज़हार ये करने लगी है
शब्दों का ये खेल नही आँखे अब बताने लगी है
जो सपना था वो मेरा, अब अपना होने लगा है
एक ही मुलकात में सब कुछ जैसे खोने लगा है
ये इश्क है या मेरी अभिलाषा कैसे तुम्हे बताऊ मैं
तुम्ही मुझे में अब बसती है कैसे तुम्हे दिखाऊ मैं
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